1932 ई0 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की स्थापना पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक क्रान्ति का सूत्रपात था। तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज द्वारा प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के परम्परागत, प्राविधिक, चिकित्सा संस्थानों की श्रृंखला खड़ी करने के उद्देश से यह नीव का पत्थर था। स्वतंत्रता प्राप्त होते-होते सिविल लाइन्स में महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं महाराणा प्रताप महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना हो चुकी थी, किन्तु गोरखपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये दोनो महाविद्यालय पूज्य महन्त जी महाराज द्वारा समर्पित कर दिये गये।